Diksha Thakur

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लेखनी कहानी -26-Jun-2022

रिश्तों की बदलती तस्वीर 


धागे के रूप में होते हैं रिश्ते ,
अगर धागा टूट जाए तो बिखर जाते है रिश्ते।

आज के समय में रिश्ते बदल गए हैं, 
पहले समय जैसे रिश्ते अब नहीं रहे हैं ।

अब के रिश्तों में कोई अपनापन नहीं है, 
अब के रिश्तों में तो सिर्फ दिखावा ही दिखावा है। 

अब के रिश्तों में स्वार्थ ही स्वार्थ है, 
स्वार्थ के लिए भाई, भाई का  दुश्मन बन बैठा है। 

अब के रिश्ते तो इतने बदल गए हैं कि
बच्चे अपने माँ- बाप  के ही नहीं रहे हैं। 

यही है रिश्तों की बदलती तस्वीर, 
यही है वर्तमान रिश्तों की तस्वीर। 

दीक्षा ठाकुर ✍✍✍

मासिक प्रतियोगिता हेतु 

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5 Comments

Reyaan

29-Jun-2022 08:06 PM

शानदार

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Shnaya

29-Jun-2022 03:53 PM

बहुत खूब

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Raziya bano

26-Jun-2022 04:35 PM

Nice

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